नई दिल्ली: यूपी बोर्ड की परीक्षाएं सोमवार को पूरे राज्य में कड़ी सुरक्षा और निगरानी के साथ शुरू हो गईं। पूरे उत्तर प्रदेश में 8,140 केंद्रों पर आयोजित की जा रही परीक्षा में कुल 54,37,233 छात्र भाग ले रहे हैं।
इनमें से 27,32,216 हाईस्कूल के छात्र और 27,05,017 इंटरमीडिएट के छात्र हैं।
कड़ी सुरक्षा के मद्देनजर 17 जिलों में केंद्रों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। परीक्षा प्रक्रिया की निगरानी के लिए एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) और खुफिया इकाई जैसी एजेंसियों को तैनात किया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने छात्रों को शुभकामनाएं दीं।
सीएम योगी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "यूपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षा में शामिल होने वाले सभी विद्यार्थियों को हार्दिक बधाई! आप सभी को परीक्षा के इस महापर्व में पूरे आत्मविश्वास, धैर्य और पूरी क्षमता के साथ भाग लेना चाहिए। परीक्षा को अपनी दिनचर्या का स्वाभाविक हिस्सा बनाने का पूरा प्रयास करें। मां सरस्वती की कृपा आप सभी पर बनी रहे। आप सभी सफल हों, इसके लिए ढेरों शुभकामनाएं!"
परीक्षा शुरू होने से पहले एक अनोखे और उत्सवी अंदाज में लखनऊ के बाल निकुंज इंटर कॉलेज में विद्यार्थियों का आरती और पुष्प वर्षा के साथ स्वागत किया गया।
परीक्षा के लिए 576 सरकारी केंद्र, 3,446 सहायता प्राप्त संस्थान और 4,118 स्व-वित्तपोषित केंद्र बनाए गए हैं। एसटीएफ और एलआईयू की टीमें पूरी परीक्षा अवधि के दौरान निगरानी करती रहेंगी। पारदर्शिता सुनिश्चित करने और नकल रोकने के लिए प्रत्येक परीक्षा कक्ष में दो सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, जिसमें वॉयस रिकॉर्डर, राउटर, डीवीआर और परीक्षा प्रक्रिया की लाइव वेबकास्टिंग के लिए हाई-स्पीड इंटरनेट शामिल है।
प्रश्नपत्रों और उत्तर पुस्तिकाओं में केंद्र-विशिष्ट कोडिंग सहित विशेष सुरक्षा उपाय भी शामिल किए गए हैं।
एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, महाकुंभ में महाशिवरात्रि स्नान के लिए अपेक्षित भारी भीड़ के कारण प्रयागराज में 24 फरवरी को होने वाली यूपी बोर्ड परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं।
परीक्षा की सुचिता बनाए रखने के लिए, 8,140 केंद्र प्रशासकों, 8,140 बाहरी प्रशासकों, 8,140 स्टेटिक मजिस्ट्रेटों, 1,283 सेक्टर मजिस्ट्रेटों और 439 जोनल मजिस्ट्रेटों की एक समर्पित टास्क फोर्स को नियुक्त किया गया है। इसके अलावा, 428 मोबाइल टीमें और 75 राज्य स्तरीय पर्यवेक्षक प्रक्रिया की निगरानी करेंगे।
अधिक पारदर्शिता के लिए, उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 लागू किया गया है, जो परीक्षा प्रक्रिया को बाधित करने का प्रयास करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करता है।
इसके अतिरिक्त, किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के लिए बैकअप प्रश्नपत्रों को स्ट्रांग रूम में सुरक्षित रखा गया है। परीक्षा के दौरान उत्तर पुस्तिकाओं के आदान-प्रदान को रोकने के लिए भी कड़े उपाय किए गए हैं।
छात्रों या अभिभावकों की किसी भी समस्या के समाधान के लिए राज्य ने 18001806607 और 18001806608 पर टोल-फ्री हेल्पलाइन स्थापित की हैं।